15 महीनों के बाद, भारतीय नौसेना का विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य 23 मार्च को समुद्री परीक्षणों के लिए कारवार नौसैनिक अड्डे से बाहर निकल जाएगा।
45,000 टन वजनी विमान 31 मार्च तक भारतीय नौसेना को सौंप दिया जाएगा।
युद्धपोत में अधिकतम 36 विमान होंगे जिनमें 26 मिग-29के लड़ाकू विमान और 10 इलेक्ट्रॉनिक चेतावनी वाले कामोव के-31 अग्रिम और के-28 पनडुब्बी रोधी युद्धक हेलीकॉप्टर शामिल हैं।
भारत के पास अब INS विक्रांत के साथ दो ऑपरेशनल एडवांस एयरक्राफ्ट कैरियर होंगे।
INS विक्रमादित्य, को 2014 में सेवा में शामिल किया गया था। पूर्व में इस कीव-श्रेणी के युद्धपोत को एडमिरल गोर्शकोव नाम से जाना जाता था।
जहां आईएनएस विक्रमादित्य का परीक्षण हवाई संचालन अप्रैल में शुरू होगा, वहीं हथियारों और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों की विभिन्न जांच मार्च में ही शुरू हो जाएंगी।